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    विश्व की सबसे ऊँची माँ दुर्गा प्रतिमा (551 फीट ऊँचाई)

    बराही धाम में स्थापित होने वाली माँ दुर्गा की 551 फीट ऊँची प्रतिमा विश्व में अपनी तरह की पहली और सबसे ऊँची होगी। यह न केवल भारत की आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक होगी, बल्कि इसे देखने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक यहाँ आएँगे। भव्य स्थापत्य, कलात्मकता और देवी की दिव्यता इसे एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल बनाएगी।

    नवग्रह मंदिर – ज्योतिषीय शक्ति का केंद्र

    यहाँ सूर्य से केतु तक सभी नवग्रहों की ऊँची प्रतिमाएँ स्थापित होंगी, जिनकी पूजा ग्रह दोष निवारण और आत्मिक संतुलन के लिए की जाती है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए न केवल पूजा स्थल होगा, बल्कि एक आध्यात्मिक उपचार केंद्र भी बनेगा, जहाँ विशेष यज्ञ और अनुष्ठान आयोजित होंगे।

    संकटमोचन बजरंगबली की विशाल प्रतिमा (105 फीट)

    हनुमान जी की विशाल प्रतिमा न केवल उनकी वीरता और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह प्रतिमा श्रद्धालुओं के मन में साहस, श्रद्धा और संकल्प की भावना जागृत करती है। यहाँ मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा, सुंदरकांड पाठ और हनुमान चालीसा का आयोजन किया जाएगा।

    सम्पूर्ण धार्मिक अनुष्ठानों की सुविधा

    बराही धाम में भक्तों के लिए दैनिक पूजा, विशेष पर्वों पर अनुष्ठान, यज्ञ-हवन, भंडारा, विवाह, मुंडन और अन्य संस्कारों के आयोजन की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। यह मंदिर उन श्रद्धालुओं के लिए एक आदर्श स्थान है जो धार्मिक विधियों को पारंपरिक रीति से सम्पन्न करना चाहते हैं।

    चमत्कारों और आस्था से जुड़ा ऐतिहासिक स्थल

    स्थानीय जनश्रुतियों के अनुसार, यह स्थल स्वयंभू देवी स्थल माना गया है, जहाँ माँ बराही की मूर्ति स्वतः प्रकट हुई थी। यहाँ माँ से सच्चे मन से की गई प्रार्थना से भक्तों को स्वास्थ्य, संतान और सुख-समृद्धि की प्राप्ति हुई है। विशेष रूप से नवरात्र के समय यह स्थान भक्तों से खचाखच भरा रहता है।

    धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा और स्थानीय विकास

    बराही धाम न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि यह स्थानीय आर्थिक और सामाजिक विकास का भी माध्यम बनेगा। इससे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा और क्षेत्र का धार्मिक पर्यटन अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचेगा।

    विश्व की सबसे ऊँची माँ दुर्गा प्रतिमा (551 फीट ऊँचाई)

    बराही धाम में स्थापित होने वाली माँ दुर्गा की 551 फीट ऊँची प्रतिमा विश्व में अपनी तरह की पहली और सबसे ऊँची होगी। यह न केवल भारत की आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक होगी, बल्कि इसे देखने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक यहाँ आएँगे। भव्य स्थापत्य, कलात्मकता और देवी की दिव्यता इसे एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल बनाएगी।

    नवग्रह मंदिर – ज्योतिषीय शक्ति का केंद्र

    यहाँ सूर्य से केतु तक सभी नवग्रहों की ऊँची प्रतिमाएँ स्थापित होंगी, जिनकी पूजा ग्रह दोष निवारण और आत्मिक संतुलन के लिए की जाती है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए न केवल पूजा स्थल होगा, बल्कि एक आध्यात्मिक उपचार केंद्र भी बनेगा, जहाँ विशेष यज्ञ और अनुष्ठान आयोजित होंगे।

    संकटमोचन बजरंगबली की विशाल प्रतिमा (105 फीट)

    हनुमान जी की विशाल प्रतिमा न केवल उनकी वीरता और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह प्रतिमा श्रद्धालुओं के मन में साहस, श्रद्धा और संकल्प की भावना जागृत करती है। यहाँ मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा, सुंदरकांड पाठ और हनुमान चालीसा का आयोजन किया जाएगा।

    सम्पूर्ण धार्मिक अनुष्ठानों की सुविधा

    बराही धाम में भक्तों के लिए दैनिक पूजा, विशेष पर्वों पर अनुष्ठान, यज्ञ-हवन, भंडारा, विवाह, मुंडन और अन्य संस्कारों के आयोजन की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। यह मंदिर उन श्रद्धालुओं के लिए एक आदर्श स्थान है जो धार्मिक विधियों को पारंपरिक रीति से सम्पन्न करना चाहते हैं।

    चमत्कारों और आस्था से जुड़ा ऐतिहासिक स्थल

    स्थानीय जनश्रुतियों के अनुसार, यह स्थल स्वयंभू देवी स्थल माना गया है, जहाँ माँ बराही की मूर्ति स्वतः प्रकट हुई थी। यहाँ माँ से सच्चे मन से की गई प्रार्थना से भक्तों को स्वास्थ्य, संतान और सुख-समृद्धि की प्राप्ति हुई है। विशेष रूप से नवरात्र के समय यह स्थान भक्तों से खचाखच भरा रहता है।

    धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा और स्थानीय विकास

    बराही धाम न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि यह स्थानीय आर्थिक और सामाजिक विकास का भी माध्यम बनेगा। इससे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा और क्षेत्र का धार्मिक पर्यटन अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचेगा।

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